सुश्री ताइबा सऊद अल-रोदैनी
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इस बैठक में AI की तरक्की की वजह से प्रभावित होने वाले छह विषयगत क्षेत्रों के लिए सुसंगत नैतिक दिशानिर्देश बनाने की तत्काल आवश्यकता पर ज़ोर दिया गया। ये क्षेत्र हैं : स्वाथ्य देख-भाल, शहरी डिज़ाइन, सुरक्षा, शिक्षा, वित्त और कार्यस्थल का भविष्य
हमाद बिन खलीफ़ा यूनिवर्सिटी (HBKU) सम्मेलन में AI नैतिकता : तकनीक और विविध नैतिक परंपराओं का मिलन विषय पर आयोजित चर्चा का समापन आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस (AI) के लिए एकीकृत, सांस्कृतिक रूप से समावेशितापूर्ण ढाँचा तैयार करने आह्वान के साथ हुआ। कतर में आयोजित इस महत्त्वपूर्ण इवेंट में AI और उसके नैतिक प्रभावों से जुड़ी यह चर्चा एक मील का पत्थर साबित हुई।
इस सम्मेलन में अंतरराष्ट्रीय स्तर के जाने-माने शिक्षाविदों, नीति-निर्माताओं, टेक इंडस्ट्री के विशेषज्ञों, नैतिकताविदों और अन्य लोगों ने हिस्सा लिया। उनके योगदानों ने AI का विविध नैतिक परंपराओं के साथ ताल-मेल बिठाने वाले सहयोगी समाधानों में बहुविषयक रुचि पर प्रकाश डाला। इस चर्चा के फलस्वरूप इनोवेशन को बढ़ावा देकर इस क्षेत्र के भविष्य को आकार देने वाली नई अंतरक्षेत्रीय साझेदारियों की भी शुरुआत हुई। छह विषयगत क्षेत्रों—स्वास्थ्य देख-भाल, शहरी डिज़ाइन, सुरक्षा, शिक्षा, वित्त और कार्यस्थल का भविष्य—ने AI को अपनाते समय हर क्षेत्र में नैतिक पहलुओं को शामिल करने के महत्त्व पर ज़ोर दिया।
एक ओर जहाँ इनमें से हर विषय ने विचारोत्तेजक वार्तालापों की शृंखला को गति दी, वहीं एक बेहद सामयिक चर्चा में सशस्त्र संघर्ष में AI के इस्तेमाल को बारीकी से परखा गया और अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून के तहत आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस पर काम करने वाली निर्णय लेने में मददगार प्रणालियों के कानूनी, नैतिक और नीतिगत पहलुओं पर प्रकाश डाला गया। AI के युग में डॉक्टर-मरीज़ के बीच के संबंधों की दृष्टि से जटिल परिस्थितियों में इंसानी मूल्यों और नैतिक विकल्पों पर AI के बढ़ते असर पर भी ज़ोर दिया गया। चर्चाओं से यह स्पष्ट हो गया कि भरोसे, स्वायत्तता और इंसानी गरिमा को सुरक्षित रखने के मामले में गहरी नैतिक चुनौतियाँ मौजूद हैं।
दो दिनों की सार्थक चर्चा के बाद, सम्मेलन में ऐसे सुझाव पेश किए गए, जो AI के भविष्य को दुनिया के सभी समाजों की विभिन्न नैतिक मान्यताओं के अनुरूप बनाते हैं। इसके लिए एक ऐसे ढाँचे की ज़रूरत है, जो सिर्फ़ पश्चिमी दृष्टिकोण तक सीमित न रहकर सभी संस्कृतियों और नैतिक विशेषताओं का सम्मान करते हुए उन्हें निष्पक्ष, संतुलित और दुनिया भर में समावेशितापूर्ण ढंग से शामिल करे।
इस इवेंट में भावी पीढ़ियों को तैयार करने के लिए AI तकनीकों और तरीकों को सभी प्रमुख क्षेत्रों में और भी ज़्यादा एकीकृत करने की भी अपील की गई। ऐसा करने के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय नीति से जुड़े ढाँचों को इस तरह ढालने की ज़रूरत है कि उभरती तकनीकों के सकारात्मक असर को बढ़ावा मिले और संभावित जोखिमों का समाधान भी हो।
AI की नैतिकता पर आयोजित किया गया यह सम्मेलन, विश्व स्तर पर AI को लेकर की गई विविधताओं से भरी और दूरदर्शी चर्चाओं का एक मंच साबित हुआ। इस इवेंट के आयोजक और असरदार चर्चाओं के एक ज्ञान केंद्र के रूप में, HBKU शिक्षा संस्थानों को वैश्विक चुनौतियों से निपटने वाले अनुसंधान आधारित समाधानों के एक अहम प्रेरक के रूप में दर्शाता है।